8th Pay Commission: सरकारी नौकरी करने वाले सभी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए आने वाला समय खुशखबरी लेकर आ सकता है। केंद्र सरकार जल्द ही 8th Pay Commission यानी आठवां वेतन आयोग लागू कर सकती है। यह आयोग कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और अन्य वित्तीय लाभों में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया जाता है।
हर दस साल में एक नया वेतन आयोग बनाया जाता है ताकि महंगाई और बदलती आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार कर्मचारियों को उचित वेतन मिल सके। 7वें वेतन आयोग को साल 2016 में लागू किया गया था, और अब लगभग 10 साल बाद 8वें वेतन आयोग की जरूरत महसूस की जा रही है।
8th Pay Commission से कितनी बढ़ सकती है सैलरी
कई मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की मानें तो 8th Pay Commission के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 30% से 34% तक का इजाफा हो सकता है। यह बढ़ोतरी “फिटमेंट फैक्टर” नाम की गणना पद्धति पर आधारित होगी।
फिटमेंट फैक्टर एक तरह का गुणांक होता है, जिसकी मदद से नया बेसिक पे तय किया जाता है। अभी यह अनुमान लगाया गया है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है।
वेतन वृद्धि को उदाहरण से समझें
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो 1.83 के गुणांक के हिसाब से यह बढ़कर ₹32,940 हो सकती है। वहीं अगर 2.46 का गुणांक तय किया गया तो यही सैलरी ₹44,280 तक हो सकती है।
उसी तरह अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अभी ₹50,000 है तो नई सैलरी ₹91,500 से ₹1,23,000 तक जा सकती है। इस बढ़ोतरी का असर न सिर्फ मासिक वेतन पर बल्कि ग्रेच्युटी, पेंशन और अन्य लाभों पर भी पड़ेगा।
सरकारी खजाने पर असर कितना होगा
जहां 8th Pay Commission से कर्मचारियों को राहत मिलने वाली है, वहीं सरकार को इसके कारण भारी वित्तीय भार का सामना भी करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस आयोग को लागू करने से केंद्र सरकार के खजाने पर ₹1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा।
देश में इस समय एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं, जिनकी सैलरी और पेंशन में बदलाव करने पर कुल मिलाकर सरकार को काफी बड़ा खर्च करना होगा।
आयोग कब तक लागू हो सकता है
अब तक सरकार ने 8th Pay Commission को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि इसे साल 2026 या वित्त वर्ष 2027 तक लागू किया जा सकता है।
पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। अगर उसी पैटर्न को दोहराया जाता है तो अगला वेतन संशोधन 2026 तक संभव है। सरकार की तरफ से आने वाले समय में इस पर घोषणा की जा सकती है।
अर्थव्यवस्था पर असर और सकारात्मक संकेत
सैलरी में बढ़ोतरी से केवल कर्मचारियों को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। वेतन बढ़ने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे रिटेल, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और ट्रैवल जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर 8th Pay Commission समय पर लागू हो जाता है तो यह भारत की जीडीपी को भी मजबूती दे सकता है। साथ ही यह देश में खपत को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
यह आयोग सिर्फ काम कर रहे कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी लाभदायक होगा। पेंशन भी मूल सैलरी के आधार पर तय होती है। ऐसे में अगर बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो पेंशन में भी उसी अनुपात में वृद्धि होगी।

रिटायर्ड कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ-साथ पेंशन में स्थायी बढ़ोतरी मिलने से उनके जीवनस्तर में भी सुधार आएगा।
8th Pay Commission को लेकर देशभर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स में काफी उम्मीदें हैं। अगर यह आयोग तय समय पर लागू होता है तो यह न सिर्फ सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव लाएगा बल्कि लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाएगा।
हालांकि इस फैसले से सरकार को बड़ा खर्च उठाना पड़ेगा, लेकिन इससे देश की आर्थिक ग्रोथ को भी गति मिलेगी। अब निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं कि वह इस पर आधिकारिक घोषणा कब करती है और कर्मचारी वर्ग को यह राहत कब तक मिलती है।
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