Navratri 2025 Day 6: नवरात्रि का छठा दिन 27 सितंबर 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन की पूजा माँ कात्यायनी के रूप में होती है। माँ कात्यायनी नवरात्रि की शक्ति रूपी देवी हैं। जिनकी आराधना से साहस, सफलता और मानसिक शांति मिलती है।
माँ कात्यायनी का स्वरूप
माँ कात्यायनी छठे रूप में प्रकट होती हैं। वे पीले या ग्रे वस्त्र में, चार हाथों के साथ दिखाई जाती हैं। एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में खड़ग, तीसरे हाथ में कमल और चौथे में वर मुद्रा होता है। उनका वाहन सिंह है। जो साहस और निडरता का प्रतीक है।
पूजा विधि
- इस दिन ग्रे रंग को शुभ माना जाता है। भक्त इस रंग के कपड़े पहनकर देवी की पूजा करते हैं।
- घटस्थापना के साथ पूजा आरंभ होती है। कलश में जल, फूल और सुपारी रखकर देवी का स्वागत किया जाता है।
- माँ कात्यायनी को फल, मिठाई, गुड़ और शुद्ध जल का भोग अर्पित किया जाता है।
मंत्र और आरती
पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जाप लाभकारी माना जाता है:
“ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नंदगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु तेजस्वि।”
इसके साथ माँ कात्यायनी की आरती गाई जाती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।
महत्व
माँ कात्यायनी की पूजा करने से साहस, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है। इस दिन की आराधना से परिवार में सुख, शांति और सौहार्द रहता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है। जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं या नए काम शुरू करना चाहते हैं।
आज के दिन की सलाह
- ग्रे रंग पहनें और मानसिक शांति पर ध्यान दें।
- पूजा के समय पूरी श्रद्धा और भक्ति से मन लगाएँ।
- घर को साफ-सुथरा रखें और पूजा स्थल सजाएँ।
- माता के मंत्र और भजन सुनें, जिससे ऊर्जा का प्रवाह मजबूत होता है।
इस प्रकार, नवरात्रि का छठा दिन 27 सितंबर 2025 माँ कात्यायनी की कृपा और शक्ति का दिन है। भक्ति, ध्यान और श्रद्धा से पूजा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव और आध्यात्मिक उन्नति संभव है।