Navratri Day 9: नवरात्रि का नौवाँ और अंतिम दिन माँ दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। उन्हें सिद्धियों की देवी कहा जाता है क्योंकि ये देवी अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ, सफलता और समृद्धि प्रदान करती हैं। इस दिन की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास होता है।
माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप
माँ सिद्धिदात्री का रंग उजला और श्वेत है। उनके चार हाथ हैं। वे एक हाथ में शंख, दूसरे हाथ में चक्र, तीसरे हाथ में गदा और चौथे हाथ से वर मुद्रा प्रदान करती हैं। उनका वाहन श्वेत सिंह है। माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप भक्तों में साहस और आत्मविश्वास पैदा करता है और सभी भय और बाधाओं को दूर करता है।
पूजा विधि और भोग
इस दिन सुबह स्नान कर माँ सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएँ। उन्हें फल, मिठाई और शुद्ध जल का भोग अर्पित किया जाता है। भक्त पीले या हल्के रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करते हैं। माँ के मंत्रों का जाप और आरती करने से घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
महत्व
माँ सिद्धिदात्री की आराधना से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है। जो अपने जीवन में नए काम शुरू कर रहे हैं या सफलता की कामना रखते हैं। इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
इस तरह नवरात्रि 2025 का नौवाँ दिन माँ सिद्धिदात्री की कृपा और आशीर्वाद का दिन है। भक्ति, श्रद्धा और ध्यान से पूजा करने पर जीवन में आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ दोनों प्राप्त होते हैं।