Surya Grahan 2025: साल 2025 का आखिरी Surya Grahan 2025 पूरे भारत और दुनिया के लिए खास महत्व रखता है। वैदिक पंचांग के अनुसार यह ग्रहण पितृ पक्ष के दौरान घटित होगा। यह संयोग बहुत दुर्लभ है और करीब 100 साल बाद देखने को मिलेगा।
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस ग्रहण के समय सूर्य और शनि एक-दूसरे के सामने होंगे जिससे विशेष योग का निर्माण होगा। यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए नई शुरुआत और सफलता लेकर आएगा जबकि कुछ लोगों को सावधानी बरतने की भी जरूरत होगी।
Surya Grahan 2025 की तिथि और समय
यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर 2025, रविवार की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसका मध्यकाल रात 1 बजकर 11 मिनट पर होगा। कुल अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट रहेगी।
Surya Grahan 2025 की पूरी जानकारी
पहलू | डिटेल्स |
ग्रहण का प्रकार | खंडग्रास सूर्य ग्रहण |
तारीख | 21 सितंबर 2025, रविवार |
समय | रात 10:59 बजे से सुबह 3:23 बजे तक |
मध्यकाल | रात 1:11 बजे |
कुल अवधि | 4 घंटे 24 मिनट |
सूर्य की स्थिति | कन्या राशि, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र |
शनि की स्थिति | मीन राशि, वक्री अवस्था |
विशेष योग | सूर्य-शनि प्रतियुति, शशि-आदित्य योग, बुध-आदित्य योग |
ज्योतिषीय महत्व
इस ग्रहण के दौरान सूर्य कन्या राशि में रहेंगे और शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में होंगे। सूर्य और शनि की आमने-सामने स्थिति से प्रतियुति योग बनेगा। इसके साथ ही चंद्रमा और बुध की उपस्थिति से शशि-आदित्य और बुध-आदित्य योग का निर्माण होगा। यह ग्रह स्थिति कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होगी और उनके जीवन में नए अवसर लेकर आएगी।
किन राशियों को होगा लाभ?
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों की किस्मत इस ग्रहण से खुल सकती है। लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होंगे। नई नौकरी मिलने की संभावना है और विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। व्यापार और निवेश से लाभ मिलेगा तथा आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए Surya Grahan 2025 करियर में उन्नति लेकर आएगा। प्रमोशन, नई जिम्मेदारियाँ और व्यापार में मुनाफा मिलने की संभावना है। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा और दोस्तों के साथ अच्छा समय बीतेगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण जीवन में नई दिशा लेकर आएगा। व्यापार में बड़ी डील हो सकती है, नौकरी बदलने का मौका मिलेगा और धन लाभ के योग हैं। आत्मविश्वास बढ़ेगा और परिवार में खुशियाँ आएँगी।
धार्मिक मान्यताएँ और परंपराएँ
हिंदू धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन, पकाना और शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस समय भगवान का स्मरण, मंत्र जाप और दान करना शुभ माना जाता है। चूँकि यह ग्रहण पितृ पक्ष में पड़ रहा है, इसलिए इस दिन पितरों का तर्पण और दान करना अत्यंत फलदायी होगा।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक नजरिए से सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूरी तरह ढक देता है। यह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है जिसका जीवन पर कोई सीधा वैज्ञानिक असर नहीं पड़ता, लेकिन धार्मिक आस्था और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इसका महत्व बेहद गहरा है।

सावधानियाँ
ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य की ओर न देखें क्योंकि इससे आँखों को नुकसान हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे ग्रहण के समय सावधान रहें और अनावश्यक बाहर न निकलें। ग्रहण के बाद स्नान करके शुद्धि करना और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।
Surya Grahan 2025 एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि यह 100 साल बाद पितृ पक्ष में घटित हो रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह मिथुन, कुंभ और धनु राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी रहेगा। वहीं धार्मिक दृष्टि से यह समय पूजा-पाठ, दान और तर्पण के लिए उपयुक्त है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन आस्था और मान्यताओं के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
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