Gold-Silver Rate Today: आज यानी 31 जुलाई 2025 को भारत में सोने और चांदी की कीमतों में हल्का उतार‑चढ़ाव देखा गया है। सोने की कीमतें पिछले कुछ दिनों की गिरावट के बाद अब थोड़ी स्थिर हो गई हैं, जबकि चांदी में निवेशकों की बढ़ती रुचि और औद्योगिक मांग के चलते लगातार मजबूती बनी हुई है।
यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाज़ार, डॉलर‑रुपया विनिमय दर और US Fed जैसे वैश्विक आर्थिक फैसलों पर निर्भर करते हैं। अगर आप आज सोना या चांदी खरीदने की सोच रहे हैं, तो ताज़ा दरों और निवेश से जुड़ी जरूरी बातों को जानना आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
India Gold Rates (31 July 2025)
– 24 कैरेट सोना: ₹10,049 प्रति ग्राम (₹10,00,490 प्रति 100 ग्राम)
– 22 कैरेट सोना: ₹9,211 प्रति ग्राम (₹92,110 प्रति 10 ग्राम)
– 18 कैरेट सोना: ₹7,537 प्रति ग्राम

गिरावट के बाद उछाल का रुझान
पिछले कुछ दिनों में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन आज कीमतों में थोड़ी राहत और रिबाउंड नज़र आ रहा है—24 कैरेट 100 ग्राम में रु 6,600 तक की बढ़त देखने को मिली है। यह उछाल रुपया कमजोर होने और वैश्विक आर्थिक संकेतकों जैसे US Fed निर्णय और बेरोजगारी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया के चलते आ रहा है।
चांदी की ताज़ा कीमतें
- पूरे भारत में औसतन ₹117 प्रति ग्राम (₹1,17,000 प्रति किलो), पिछली तुलना में ₹2,000 प्रति किलो नीचे
- दिल्ली में ₹1,171 प्रति 10 ग्राम (₹1,17,100 प्रति किलो), जिसमें ₹100 प्रति किलो की मामूली वृद्धि दर्ज
- मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में 10 ग्राम ~₹1,180 (₹1,18,000 प्रति किलो) के स्तर पर स्थिर हैं
GST, टैक्स और अन्य विवरण
- GST: भौतिक सोने पर 3%, ज्वेलरी बनाने के शुल्क पर अतिरिक्त 5% GST लागू होता है
- कैपिटल गेन्स टैक्स:
- एक साल से कम रखने पर आयकर के अनुसार
- तीन साल से अधिक रखने पर लंबी अवधि के लिए 20% (indexation की सुविधा सहित)

सोने में निवेश करने से पहले: क्या देखें?
1. वैश्विक आर्थिक संकेतक – जैसे US Fed का नीतिगत निर्णय, GDP और बेरोजगारी डेटा सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
2. मुद्रा विनिमय दरें – रुपया की कमजोर मुद्रा सोना महंगा करती है।
3. मांग‑आपूर्ति का अंतर – त्योहारों और शादियों के समय मांग बढ़ने से कीमतें ऊपर जाती हैं।
4. निवेश विकल्पों पर विचार करें:
समापन सारांश
– आज भारत में सोने की कीमतें हल्के उछाल के साथ स्थिर हैं।
– हालांकि अंतर‑राष्ट्रीय बाजार में गिरावट हो सकती है, लेकिन घरेलू सेंटिमेंट में सुधार की संभावना बनी हुई है।
– निवेशकों को GST, कर, और निवेश अवधि पर ध्यान देना चाहिए।
ये भी पढ़े:-
- PM-Kisan Yojana: किसानों को सालाना ₹6,000 की मदद कैसे मिलती है? जानिए
- DA Hike Latest News: 7वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी? जानिए ताजा अपडेट