Unified Pension Scheme 2025: 30 सितम्बर है आखिरी मौका, कर्मचारियों को मिलेगा सुनहरा भविष्य या चूक जाएगा हाथ से अवसर?

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Unified Pension Scheme 2025 इन दिनों चर्चाओं में है क्योंकि यह योजना केंद्रीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा देने का वादा करती है। केंद्र सरकार ने इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया है और इसके तहत कर्मचारियों को 30 सितम्बर 2025 तक इसमें शामिल होने का विकल्प दिया गया है। यदि कोई कर्मचारी इस समयसीमा को चूक जाता है तो वह इस लाभकारी अवसर से वंचित हो जाएगा।

Unified Pension Scheme
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Unified Pension Scheme की पृष्ठभूमि

24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Unified Pension Scheme को मंजूरी दी। जनवरी 2004 में पुरानी पेंशन योजना खत्म हो चुकी थी, जिसके बाद कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पर निर्भर रहना पड़ा। NPS बाज़ार-आधारित मॉडल है, जबकि नई योजना UPS निश्चित और स्थिर पेंशन सुनिश्चित करने की दिशा में कदम है।

UPS और NPS का अंतर

NPS में योगदान और रिटर्न बाज़ार पर आधारित होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इसके विपरीत Unified Pension Scheme में कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान निश्चित है और यह मॉडल पारदर्शिता व दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करता है। इस योजना का मकसद कर्मचारियों को भरोसेमंद पेंशन का आधार देना है।

सरकार का उद्देश्य और लचीलापन

सरकार का स्पष्ट कहना है कि Unified Pension Scheme का उद्देश्य कर्मचारियों के बुढ़ापे को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है। खास बात यह है कि UPS चुनने वाले कर्मचारी भविष्य में चाहें तो वापस NPS भी अपना सकते हैं। यह लचीलापन इसे और आकर्षक बनाता है।

पात्रता और अंतिम तारीख

यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सरकारी नौकरी ज्वॉइन की है और पहले NPS का विकल्प चुना था। पूर्व सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए भी UPS चुनने का अवसर है। लेकिन सरकार ने साफ किया है कि इस विकल्प का लाभ उठाने की अंतिम तारीख 30 सितम्बर 2025 है।

Unified Pension Scheme
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Unified Pension Scheme 2025 केंद्रीय कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के बाद एक मजबूत सुरक्षा कवच साबित हो सकती है। यह योजना पुराने पेंशन मॉडल की स्थिरता और नए ढांचे की पारदर्शिता को मिलाकर बनाई गई है। अगर कर्मचारी 30 सितम्बर से पहले इसे चुन लेते हैं तो उनका भविष्य आर्थिक दृष्टि से अधिक सुरक्षित होगा, अन्यथा यह अवसर हाथ से निकल जाएगा और उन्हें NPS पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।

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