Ghaziabad Ambulance Accident On Kanwar Route: आपको बताते चले की 20 जुलाई 2025 की रात को गाजियाबाद के दिल्ली-मेरठ कांवड़ रूट पर एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। एक तेज रफ्तार एम्बुलेंस ने कांवड़ियों को कुचल दिया, जिससे तीन की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है। हादसा कादराबाद चेक पोस्ट के पास हुआ और चौंकाने वाली बात यह है कि एम्बुलेंस बीजेपी विधायक के अस्पताल की थी। इस दर्दनाक घटना ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हादसा न केवल एक बड़ी खबर है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि कैसे लापरवाही से चलने वाले वाहन पवित्र यात्रा को भी मौत में बदल सकते हैं। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम का हर पहलू, और इस तरह के हादसों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
Ghaziabad Ambulance Accident On Kanwar Route हादसे की पूरी कहानी
शनिवार की देर रात दिल्ली-मेरठ कांवड़ रूट पर कादराबाद चेक पोस्ट के पास हुआ यह भीषण हादसा लोगों को सन्न कर गया। चार कांवड़िए – सचिन, अजय, अभिनव और रितिक – हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे थे, जब सामने से आ रही तेज रफ्तार एम्बुलेंस ने उनकी बाइक और स्कूटी को रौंद दिया।
Ambulance Accident ने पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी। पुलिस और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और सभी को मेरठ अस्पताल पहुंचाया। जहां सचिन, रितिक और बाद में अभिनव को मृत घोषित कर दिया गया। अजय अभी भी गंभीर अवस्था में है।
विधायक के अस्पताल की एम्बुलेंस थी शामिल

जांच में सामने आया कि हादसे में जो एम्बुलेंस शामिल थी वह बीजेपी विधायक डॉ. मंजू शिवाच के जीवन अस्पताल की थी। एम्बुलेंस एक मरीज को मेरठ छोड़कर वापस लौट रही थी।
विधायक का कहना है कि दुर्घटना के समय वे घर पर थीं और एम्बुलेंस का बोनट खुलने से चालक को सामने नहीं दिखा। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
हादसे की जांच और एफआईआर
एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने पुष्टि की कि हादसे को लेकर शिकायत दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं एम्बुलेंस के सहायक हारुन, जो अस्पताल में कंपाउंडर भी हैं, हादसे में घायल हो गए हैं।
पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है कि यह महज एक हादसा था या एम्बुलेंस चालक की घोर लापरवाही।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी एक और हादसा
इसी दिन एक और दुर्घटना भोजपुर टोल प्लाजा के पास हुई जहां तीन कांवड़ियों की बाइक डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में आकाश नामक युवक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
यह घटना बताती है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में भारी चूक हो रही है, जो हर साल श्रद्धालुओं की जान पर बन आती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट और श्रद्धालु?
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान भारी ट्रैफिक और लापरवाह वाहन चालकों की वजह से हादसे बढ़ते जा रहे हैं।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि कांवड़ रूट पर हर प्रकार के आपातकालीन वाहनों की गति को नियंत्रित करें और विशेष लेन व सुरक्षा गाइडलाइन लागू करें।
- Ambulance Accident पर NHAI की तरफ से अलग लेन बनाने का सुझाव कई बार दिया गया है।
- Kanwar Route Accident पिछले तीन वर्षों में 25 से अधिक बार हो चुका है।
- यूपी में कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले कांवड़ियों की संख्या हर साल बढ़ रही है, जिससे ट्रैफिक प्रेशर भी बढ़ जाता है।
- 2024 में भी इसी रूट पर दो बड़े हादसे हुए थे, जिसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।
Kanwar Route की यह घटना सिर्फ एक दुखद हादसा नहीं बल्कि पूरे प्रशासन और धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक कड़ा सवाल है। इस घटना से न केवल जान गई, बल्कि कांवड़ यात्रा की पवित्रता पर भी असर पड़ा।
अब समय है कि सरकार और समाज मिलकर इस तरह की दुर्घटनाओं से सीख लें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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