जहांं सारे आसन भोजन से पूर्व किए जाते हैं वहां वज्रासन एकमात्र आसन है जो कि भोजन के बाद में किया जाता है। वज्रासन का अभ्यास कोई भी कर सकता है। यह सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। यह पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है, साथ ही पेट की अन्य समस्याओं से भी राहत दिलाता है। जहां अन्य आसनों को सिर्फ 30 सेकंड से 1 मिनट तक किया जाता है, वहीं वज्रासन को आधा घंटा से एक घंटा तक भी किया जा सकता है।
वज्रासन करने का तरीका-
वज्रासन करना बेहद आसान है। इसे करने के लिए सबसे पहले घुटने के बल बैठ जाए। थोड़ा पीछे की ओर खिसकें और कूल्हों को एड़ी पर रखकर बैठें। सिर को सीधा रखें ओर और हाथों को अपने घुटनों पर रखें। शरीर को झुकाकर न रखें। अब अपनी आँखें बंद करें और साँस लेने और साँस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें। शुरुआती दिनों में 5 – 10 मिनट के लिए आसन का नियमित रूप से अभ्यास करें और बाद में धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20 – 30 मिनट तक करें।
वज्रासन करने के लाभ-
-गर्भवती महिलाओं में प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
-वज्रासन का नियमित अभ्यास पाचन में सुधार करता है और कब्ज की समस्या को खत्म करता है।
-पीठ को मजबूत बनाने के साथ ही निचले हिस्से में होने वाले दर्द में भी राहत देता है।
-रोज वज्रासन करके आसानी से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है इसलिए वजन कम करने के लिए इसका अभ्यास करते रहें।
ये लोग न करें वज्रासन-
-जिन लोगों की घुटने की सर्जरी हुई है, वे लोग इस आसन को न करें।
-रीढ़ की हड्डी से परेशान लोग इसे न करें।
-आंतों के अल्सर और हर्निया से पीड़ित लोग वज्रासन बिल्कुल न करें।
।