Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन एक ऐसा पावन पर्व है। जो भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के वादे का प्रतीक है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 2025 में यह शुभ दिन शनिवार, 9 अगस्त को पड़ रहा है।
तारीख और शुभ मुहूर्त
• तारीख: शनिवार, 9 अगस्त 2025 (श्रावण पूर्णिमा)
• शुभ मुहूर्त: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक
इस दिन भद्रा काल सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा। इसलिए पूरा सुबह का समय राखी बांधने के लिए उत्तम है।
महत्व और पौराणिक कथाएँ
रक्षा बंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके लंबे जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई बदले में अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। इस पर्व से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं:

1. कृष्ण और द्रौपदी – महाभारत में द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली कटने पर अपनी साड़ी का टुकड़ा बाँध दिया, बदले में कृष्ण ने उनकी रक्षा का वचन दिया।
2. यम और यमुनाजी – यमुनाजी ने अपने भाई यम को राखी बांधकर अमरत्व का आशीर्वाद पाया।
3. रानी कर्णावती और हुमायूँ – रानी ने हुमायूँ को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा की विनती की।
परंपराएँ और रीति-रिवाज
राखी बांधने से पहले पूजा की थाली सजाई जाती है जिसमें रोली, चावल, दीपक, मिठाई और राखी रखी जाती है। बहन भाई को तिलक करती है, आरती उतारती है और फिर राखी बांधती है। भाई बहन को उपहार या आशीर्वाद देता है।
आधुनिक दौर में उत्सव
आज के समय में रक्षा बंधन का उत्सव केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं है। महिलाएँ सैनिकों, दोस्तों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी राखी बांधकर सम्मान और एकता का संदेश देती हैं। डिजिटल माध्यम से भी राखी और शुभकामनाएँ भेजी जा रही हैं।
रक्षा बंधन 2025 न केवल रिश्तों को मजबूत करने का दिन है, बल्कि यह हमें प्रेम, सुरक्षा और एकता की महत्ता भी सिखाता है। परंपराओं के साथ आधुनिक सोच को अपनाते हुए यह पर्व आने वाली पीढ़ियों तक अपना महत्व बनाए रखेगा।