Anant Chaturdashi कब मनाई जाएगी, जानिए शुभ योग और विसर्जन का समय

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Anant Chaturdashi: हिंदू धर्म में त्योहार केवल धार्मिक रीति-रिवाज नहीं होते, बल्कि वे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार भी करते हैं। इन्हीं प्रमुख पर्वों में से एक है Anant Chaturdashi। यह दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप को समर्पित है और इसी दिन गणेशोत्सव का समापन भी होता है। इसलिए यह तिथि दोहरी आस्था और उत्साह से भरी होती है।

Anant Chaturdashi का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि Anant Chaturdashi का व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मनुष्य को धन-धान्य, संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।

Anant Chaturdashi
Anant Chaturdashi

इस व्रत को करने से शनि ग्रह से जुड़े दोष भी कम होते हैं। वर्ष 2025 में यह पर्व शनिवार को पड़ रहा है, जो इसे और भी खास बना देता है। शनिवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से शनि दोष, पितृ दोष और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

Anant Chaturdashi 2025 तिथि और समय

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी की चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर 2025 को सुबह 3:14 बजे शुरू होकर 7 सितंबर की रात 1:41 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार यह पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

विवरणसमय / तिथि
चतुर्दशी प्रारंभ6 सितंबर 2025, सुबह 3:14 बजे
चतुर्दशी समाप्त7 सितंबर 2025, रात 1:41 बजे
पर्व मनाने की तिथि6 सितंबर 2025 (शनिवार)
विसर्जन मुहूर्तसुबह 7:36 – 9:10, दोपहर 1:54 – 3:28, शाम 6:37 – 8:03

गणेश विसर्जन और Anant Chaturdashi

गणेशोत्सव की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से होती है और इसका समापन Anant Chaturdashi को होता है। दस दिनों तक गणेशजी के पूजन के बाद इसी दिन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन का अर्थ है कि भगवान गणेश का स्वरूप जल में विलीन होकर प्रकृति में लौट जाता है और अगले वर्ष फिर से धूमधाम से बप्पा का स्वागत किया जाता है।

देशभर में इस दिन भव्य शोभायात्राएँ निकलती हैं। ढोल-नगाड़ों और नृत्य के बीच भक्त बप्पा को विदा करते हैं। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात और उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस दिन का उत्सव विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।

Anant Chaturdashi 2025 के शुभ योग

इस बार की Anant Chaturdashi विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। सूर्य, बुध और केतु की युति से बुधादित्य राजयोग और त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। इसके अलावा सुकर्मा योग और रवि योग भी रहेंगे। इन योगों में पूजा करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों को विष्णु कृपा की प्राप्ति होती है।

Anant Chaturdashi पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। घर में भगवान विष्णु का चित्र या प्रतिमा रखकर शेषनाग पर विराजमान अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। 14 गांठों वाला अनंत सूत्र इस दिन विशेष रूप से पूजकर धारण किया जाता है। पुरुष इसे अपने दाहिने हाथ में और महिलाएँ बाएँ हाथ में बाँधती हैं।

पूजन के दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ, अनंत चतुर्दशी व्रत कथा का श्रवण और “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का जप किया जाता है। शाम को दीपक जलाकर भगवान विष्णु को अर्पित करने की परंपरा भी है। इस दिन सात्विक भोजन करने और जरूरतमंदों को दान देने से पुण्यफल प्राप्त होता है।

Anant Chaturdashi
Anant Chaturdashi

सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व

Anant Chaturdashi केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता और उत्साह का भी प्रतीक है। गणेश विसर्जन की शोभायात्राएँ लोगों को आपस में जोड़ती हैं। यह दिन भक्तों को यह संदेश देता है कि जीवन अस्थायी है और हर चीज अंततः परमात्मा में ही विलीन हो जाती है।

Anant Chaturdashi 2025 का पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की अनंत स्वरूप में पूजा और गणपति बप्पा के विसर्जन दोनों का महत्व है। पूजा विधि, शुभ योग और विसर्जन के मुहूर्त का पालन करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है। यह दिन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक उत्सव और आध्यात्मिक जागृति का भी संदेश देता है।

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