PM Fasal Bima Yojana: भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां लाखों किसान खेती पर निर्भर हैं, लेकिन कभी मौसम की मार, कभी सूखा, तो कभी बाढ़ फसलों को बर्बाद कर देती है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और इसका मकसद है – किसानों को फसल नुकसान की भरपाई देना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना।
इस योजना का उद्देश्य
- प्राकृतिक आपदाओं (जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि आदि) से हुए फसल नुकसान की भरपाई करना
- किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना
- खेती को जोखिम मुक्त बनाना
- बीमा के ज़रिए किसानों को मानसिक राहत देना

योजना की मुख्य बातें
- सुविधा विवरण
- लॉन्च वर्ष 2016
- बीमा प्रीमियम खरीफ फसल पर सिर्फ 2%, रबी पर 1.5% और बागवानी फसल पर 5%
- लाभार्थी सभी पंजीकृत किसान (भूमिधारी और बटाईदार दोनों)
- कवर प्राकृतिक आपदा, कीट/रोग, फसल कटाई के बाद नुकसान
कैसे काम करती है यह योजना?
- किसान बैंक या CSC केंद्र के माध्यम से आवेदन करता है
- वह फसल और क्षेत्र के अनुसार मामूली प्रीमियम जमा करता है
- अगर फसल को नुकसान होता है, तो सरकार बीमा कंपनी के ज़रिए मुआवजा देती है
- सारा सिस्टम ऑनलाइन है जिससे पारदर्शिता बनी रहती है
आवेदन कैसे करें?
- नजदीकी बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या कृषि विभाग में जाकर
- ऑनलाइन पोर्टल: https://pmfby.gov.in
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और आधार कार्ड अनिवार्य दस्तावेज़

योजना के फायदे
- कम प्रीमियम, ज्यादा सुरक्षा
- हर मौसम में लागू – खरीफ, रबी और बागवानी फसलें शामिल
- सभी किसान पात्र, चाहे ज़मीन खुद की हो या किराए पर ली गई हो
- ऑनलाइन क्लेम और ट्रैकिंग की सुविधा
- प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का तुरंत क्लेम
कुछ चुनौतियाँ भी हैं
- समय पर क्लेम भुगतान में देरी होती है
- कई बार बीमा कंपनी और किसानों के बीच तालमेल की कमी
- सभी किसान तकनीक और ऑनलाइन प्रोसेस को समझ नहीं पाते
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। यह योजना खेती के जोखिम को कम करने में मदद करती है। अगर इसमें और पारदर्शिता और तेज़ क्लेम भुगतान को जोड़ा जाए, तो यह किसानों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है।