SCSS Scheme: सीनियर सिटिजन्स के लिए सुरक्षित और स्थिर निवेश ऑप्शन की हमेशा आवश्यकता होती है, खासकर जब रिटायरमेंट के बाद उनकी आय स्थिर हो और किसी जोखिम का सामना न करना पड़े। ऐसे में SCSS Scheme यानी सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम एक बेहतरीन ऑप्शन बनकर उभरती है।
आजकल ब्याज दरों में कमी आई है, लेकिन SCSS Scheme अब भी 8% से ज्यादा सालाना ब्याज प्रदान करती है, जो इसे खास बनाता है। इस लेख में हम आपको SCSS Scheme के बारे में पूरी जानकारी देंगे – जिसमें इसमें निवेश की प्रक्रिया, ब्याज दर, टैक्स बेनिफिट, और इसके फायदे शामिल हैं।

SCSS Scheme में कितना निवेश किया जा सकता है?
सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS Scheme) एक सरकारी योजना है, जो पूरी तरह से सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है। इसमें निवेश की शुरुआत 1,000 रुपये से होती है, और अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है।
अगर पति और पत्नी दोनों अलग-अलग अकाउंट खोलते हैं, तो वे दोनों में 30 लाख रुपये जमा करके कुल 60 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं और नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं।
| निवेश की राशि | कम से कम निवेश | अधिकतम निवेश |
| सीनियर सिटिजन्स | ₹1,000 | ₹30 लाख |
| पति-पत्नी | ₹2,000 (दोनों के लिए) | ₹60 लाख (दोनों के लिए) |
यह स्कीम 5 साल की अवधि के लिए होती है, और इसे हर तीन साल में बढ़ाया जा सकता है।
SCSS Scheme ब्याज दर और भुगतान का तरीका
SCSS Scheme की खासियत है इसकी आकर्षक ब्याज दर, जो 8.2% सालाना है। यह ब्याज दर बैंक और अन्य फिक्स्ड डिपॉजिट्स से ज्यादा है। इस योजना का ब्याज हर तीन महीने में दिया जाता है, जिससे निवेशकों को नियमित और स्थिर आय मिलती है।
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति 30 लाख रुपये जमा करता है, तो उसे हर तीन महीने में ₹61,500 का ब्याज मिलेगा, यानी ₹20,500 की मंथली आय होगी।
SCSS Scheme के लिए पात्रता और निवेश करने की प्रक्रिया
SCSS Scheme में निवेश करने का अवसर 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति 55 से 60 साल के बीच रिटायर होता है, तो वह भी रिटायरमेंट के बाद इस स्कीम में निवेश कर सकता है। इसके अलावा, डिफेंस पर्सनल को 50 साल की उम्र के बाद भी इस योजना में निवेश करने की छूट है।
इस योजना के तहत, एनआरआई और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए निवेश करना संभव नहीं है।
SCSS Scheme पर टैक्स बेनिफिट और ब्याज पर टैक्स
SCSS Scheme का एक और प्रमुख लाभ है टैक्स बेनिफिट। इस स्कीम में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, इस स्कीम से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। अगर ब्याज सीमा से ज्यादा हो जाता है, तो बैंक या पोस्ट ऑफिस TDS काट सकते हैं।
यह ध्यान रखने योग्य है कि फॉर्म 15H भरकर सीनियर सिटिजन्स TDS से बच सकते हैं, अगर उनकी कुल टैक्सेबल इनकम निर्धारित सीमा से कम हो।
SCSS Scheme में निवेश करने की प्रक्रिया
SCSS Scheme में अकाउंट खोलना बहुत सरल है। इसके लिए आपको किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक की शाखा में जाकर फॉर्म A भरना होता है। साथ में आपको कुछ KYC डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, और एड्रेस प्रूफ जमा करने होते हैं।
इसके अलावा, अकाउंट खोलने के समय नॉमिनी की जानकारी देना भी जरूरी है ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।
SCSS Scheme अकाउंट होल्डर का निधन होने पर क्या होगा?
यदि SCSS Scheme के अकाउंट होल्डर का निधन हो जाता है, तो नॉमिनी या कानूनी वारिस द्वारा अकाउंट बंद करने का आवेदन किया जा सकता है। अकाउंट होल्डर के निधन के बाद अगर अकाउंट समय से पहले बंद किया जाए, तो कोई पेनाल्टी नहीं लगती। हालांकि, खाते में जमा राशि पर ब्याज अगले दिन से पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के हिसाब से दिया जाता है।
SCSS Scheme के फायदे और सीमाएं
SCSS Scheme एक सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाली योजना है, लेकिन कुछ सीमाएं भी हैं। सबसे बड़ी सीमा यह है कि इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है, जिससे कुछ लोगों के लिए रियल रिटर्न कम हो सकता है। इसके अलावा, निवेश की मैक्सिमम लिमिट 30 लाख रुपये है, इसलिए एक व्यक्ति इसके जरिए ₹20,500 से ज्यादा मंथली इनकम प्राप्त नहीं कर सकता।

अगर अकाउंट समय से पहले बंद किया जाए, तो 1 से 1.5% तक पेनाल्टी भी लग सकती है।
SCSS Scheme सीनियर सिटिजन्स के लिए एक बेहतरीन और सुरक्षित निवेश ऑप्शन है, जो नियमित और स्थिर आय प्रदान करता है। इसकी 8.2% ब्याज दर, सरकार की गारंटी और रेगुलर ब्याज भुगतान इसे अन्य निवेश ऑप्शनों से बेहतर बनाता है। हालांकि, ब्याज पर टैक्स और निवेश की सीमा कुछ सीमाएं हैं, लेकिन फिर भी यह एक शानदार योजना है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय का साधन बन सकती है।
इसलिए, अगर आप 60 साल से अधिक के हैं या रिटायरमेंट के बाद निवेश की तलाश कर रहे हैं, तो SCSS Scheme आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है।
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