PM Jan Dhan Yojana 2025: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) भारत सरकार की एक बहुत ही उपयोगी योजना है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य है कि देश के हर नागरिक के पास बैंक खाता हो, ताकि वह अपनी कमाई को सुरक्षित रख सके और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में पा सके।
PM Jan Dhan Yojana 2025: योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना का मुख्य मकसद था “हर परिवार के लिए बैंक खाता”। भारत में पहले बहुत से लोगों के पास बैंक खाता नहीं था। खासकर ग्रामीण इलाकों में। इस योजना के जरिए सरकार ने सभी लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का लक्ष्य रखा।
PM Jan Dhan Yojana 2025: जन धन खाते के फायदे
- जन धन खाता खुलवाने पर लोगों को कई फायदे मिलते हैं
- शून्य बैलेंस खाता यानी इसमें न्यूनतम पैसे की जरूरत नहीं।
- रुपे डेबिट कार्ड जिससे ATM से पैसे निकाल सकते हैं।
- ₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा कवरेज।
- ₹30,000 तक का जीवन बीमा कवरेज।
- सरकार की सभी योजनाओं की सब्सिडी और सहायता सीधे इसी खाते में आती है।
PM Jan Dhan Yojana 2025: कौन खाता खुलवा सकता है
- कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना के तहत खाता खुलवा सकता है।
- खाता बैंक, पोस्ट ऑफिस या ग्रामीण बैंक शाखा में खुलवाया जा सकता है।
- जरूरत पड़ने पर आधार कार्ड या वोटर ID से पहचान दी जा सकती है।
PM Jan Dhan Yojana 2025: लेटेस्ट अपडेट 2025
2025 में सरकार ने जन धन योजना में कुछ नए बदलाव किए हैं –
- अब खाते में ₹10,000 तक ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी।
- मोबाइल ऐप और ऑनलाइन बैंकिंग को और आसान बनाया गया है।
- सरकार ने जन धन खाते को डिजिटल पेमेंट सिस्टम से भी जोड़ा है ताकि लोग आसानी से लेन-देन कर सकें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जन धन योजना 2025 ने लाखों लोगों को बैंकिंग से जोड़ दिया है। अब लोग आसानी से अपना पैसा बचा सकते हैं। बीमा का लाभ ले सकते हैं और सरकारी योजनाओं का फायदा पा सकते हैं। यह योजना वास्तव में “सबका साथ, सबका विकास” की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- PM Kisan Yojana: दिवाली और छठ से पहले किसानों के खातों में आएंगे 2000 रुपये, जानें किस्त से जुड़ा पूरा अपडेट
- LIC Kanyadan Policy: रोज़ाना 121 रुपये बचाएं और बेटी की शादी तक पाएं ₹27 लाख!
- CHILDREN OF STATE IN HIMACHAL: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र 2025 में उठा बड़ा सवाल, सरकार ने खर्च किए 41 करोड़!